Essence: Sweet children, the Father has come to give you elevated directions and make you constantly happy and peaceful. Follow His directions, study the spiritual study and also teach others and you will become ever-healthy and wealthy.
Question: What chance do you only receive at this time in the whole cycle, the chance you mustn’t miss?
Answer: The chance of doing spiritual service and of changing humans into deities is only received at this time. Don’t miss this chance. Become engaged in spiritual service. Become serviceable. Kumaris especially have to do the service of the Godly Government. Follow Mama fully. If kumaris belong to the Father and continue to do worldly service but don’t do the service of changing thorns into flowers, that is also like having disregard for the Father.
Song: Awaken o brides, awaken! The new age is about to come.
Essence for dharna:
1. In order to become serviceable, remain clean and honest inside and out. Speak very sweet words through your lips. Remove your intellect’s yoga from your body and bodily relationships. Be careful of the company you keep.
2. Become master removers of sorrow and bestowers of happiness, like the Father. Do spiritual service and earn a true income. Follow the directions of the spiritual Father and become a spiritual social worker.
Blessing: May you be bodiless and claim the certificate of passing with honours with your stage of being detached.
In order to claim the certificate of passing with honours, you need to have the practice of going beyond the sound of the mouth and the mind and being an embodiment of silence. The soul should become merged in the Ocean of Peace. The experience of this sweet silence is very much loved and both the body and mind receive rest. At the end, only this practice of being bodiless will help. Whatever games the body may be going through, become bodiless, let the soul become a detached observer and observe the role of your body for this stage will then make you victorious at the end.
Slogan: In order to claim a right to all virtues and powers, become obedient.
मुरली सार : ''मीठे बच्चे - बाप आये हैं - तुम्हें श्रेष्ठ मत देकर सदा के
लिए सुखी, शान्त बनाने, उनकी मत पर चलो, रूहानी पढ़ाई पढ़ो और पढ़ाओ तो
एवरहेल्दी वेल्दी बन जायेंगे''
प्रश्न: कौन सा चांस सारे कल्प में इस समय ही मिलता है, जो मिस नहीं करना है?
उत्तर: रूहानी सेवा करने का चांस,
मनुष्य को देवता बनाने का चांस अभी ही मिलता है। यह चांस मिस नहीं करना है।
रूहानी सर्विस में लग जाना है। सर्विसएबुल बनना है। खास कुमारियों को
ईश्वरीय गवर्मेन्ट की सेवा करनी है। मम्मा को पूरा-पूरा फॉलो करना है। अगर
कुमारियां बाप का बनकर जिस्मानी सर्विस ही करती रहें, कांटों को फूल बनाने
की सर्विस नहीं करें तो यह भी जैसे बाप का डिसरिगार्ड है।
गीत:- जाग सजनियां जाग ....
धारणा के लिए मुख्य सार:
1) सर्विसएबुल बनने के लिए अन्दर बाहर साफ बनना है। मुख से बहुत मीठे बोल बोलने हैं। देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग हटाना है। संग से अपनी सम्भाल करनी है।
1) सर्विसएबुल बनने के लिए अन्दर बाहर साफ बनना है। मुख से बहुत मीठे बोल बोलने हैं। देह सहित देह के सब सम्बन्धों से बुद्धियोग हटाना है। संग से अपनी सम्भाल करनी है।
2) बाप समान मास्टर दु:ख हर्ता सुख कर्ता बनना है। रूहानी सेवा कर
सच्ची कमाई करनी है। रूहानी बाप की मत पर रूहानी सोशल वर्कर बनना है।
वरदान: न्यारेपन की अवस्था द्वारा पास विद आनर का सर्टीफिकेट प्राप्त करने वाले अशरीरी भव
पास विद आनर का सर्टीफिकेट प्राप्त करने के लिए मुख और मन दोनों की
आवाज से परे शान्त स्वरूप की स्थिति में स्थित होने का अभ्यास चाहिए। आत्मा
शान्ति के सागर में समा जाये। यह स्वीट साइलेन्स की अनुभूति बहुत प्रिय
लगती है। तन और मन को आराम मिल जाता है। अन्त में यह अशरीरी बनने का अभ्यास
ही काम में आता है। शरीर का कोई भी खेल चल रहा है, अशरीरी बन आत्मा साक्षी
(न्यारा) हो अपने शरीर का पार्ट देखे तो यही अवस्था अन्त में विजयी बना
देगी।
स्लोगन: सर्व गुणों वा सर्वशक्तियों का अधिकार प्राप्त करने के लिए आज्ञाकारी बनो।
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