Essence: Sweet children, in order to become double crowned, renounce double violence. Become unknown warriors and conquer the enemy, Maya.
Question: Why is the saying, "small mouth, big talk" well known and about whom?
Answer: This saying is about God, because He sits in an ordinary body and tells you big things through that small mouth. The Father, the Lord of the Poor, makes you wealthy from poor. You children also say: We are very powerful warriors. We are conquering Ravan and establishing heaven over the whole world. So, this too is like a small mouth and big talk. People laugh when they hear these things; they are unable to understand these things. No one else would know how to say the things that you do.
Song: At last the day for which we had been waiting has come!
Essence for dharna:
1. Don't be afraid of the storms of Maya. Run the race of remembrance. Keep a chart of remembrance. Remembrance is your means of safety.
2. We are establishing an elevated kingdom by following shrimat. We are unknown but very well-known warriors. Maintain this spiritual intoxication.
Blessing: May you experience the Father’s company in the form of the Companion in every action and thereby become an embodiment of success.
The easiest and constant method of remembrance is constantly to experience the Father’s company. The experience of His company liberates you from the effort of having to remember Him. When you are with Him you will have natural remembrance, but it isn’t that company in which He just sits with you, for a companion means a helper. Someone who is with you can be forgotten but the Companion can never be forgotten. So, the Father is such a Companion in every action that He makes anything difficult easy. If you constantly experience the company of such a Companion, you will become an embodiment of success.
Slogan: In order to become a special soul, only look at and speak of specialities.
मुरली सार:- ''मीठे बच्चे - डबल सिरताज बनने के लिए डबल हिंसा छोड़नी है, अननोन वारियर्स बन माया दुश्मन पर जीत पानी है''
प्रश्न: छोटा मुख और बड़ी बात... यह कहावत किसके लिए और क्यों प्रसिद्ध है?
उत्तर: यह कहावत परमात्मा के लिए है। कैसे वह साधारण तन में बैठ इस छोटे मुख से तुम्हें बड़ी-बड़ी बातें सुनाते हैं। गरीब निवाज़ बाप तुम्हें गरीब से साहूकार बना देते हैं। तुम बच्चे भी कहते हो हम जबरदस्त वारियर्स हैं। हम रावण पर जीत पाकर सारे विश्व पर स्वर्ग की स्थापना कर रहे हैं। तो यह भी जैसे छोटा मुख बड़ी बात हुई। मनुष्य इन बातों को सुनकर हंसते हैं, समझ नहीं सकते। तुम्हारी जैसी बातें करना किसको आयेगा भी नहीं।
गीत:- आखिर वह दिन आया आज...
धारणा के लिए मुख्य सार
1) माया के तूफानों से डरना नहीं है, याद की रेस करनी है। याद का ही चार्ट रखना है। याद ही सेफ्टी का साधन है।
2) श्रीमत पर हम श्रेष्ठ राजधानी स्थापन कर रहे हैं। हम अन-नोन (गुप्त) लेकिन वेरी वेलनोन (प्रख्यात) वारियर्स हैं। इस रूहानी नशे में रहना है।
वरदान: हर कर्म में बाप का साथ साथी रूप में अनुभव करने वाले सिद्धि स्वरूप भव
सबसे सहज और निरन्तर याद का साधन है-सदा बाप के साथ का अनुभव हो। साथ की अनुभूति याद करने की मेहनत से छुड़ा देती है। जब साथ है तो याद रहेगी ही लेकिन ऐसा साथ नहीं कि सिर्फ साथ में बैठा है लेकिन साथी अर्थात् मददगार है। साथ वाला कभी भूल भी सकता है लेकिन साथी नहीं भूलता। तो हर कर्म में बाप ऐसा साथी है जो मुश्किल को भी सहज करने वाला है। ऐसे साथी के साथ का सदा अनुभव होता रहे तो सिद्धि स्वरूप बन जायेंगे।
स्लोगन: विशेष आत्मा बनना है तो विशेषता को ही देखो और विशेषता का ही वर्णन करो।
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