Sunday, January 6, 2013

Essence of Murli 06-01-2013

The bad state of the kalpa tree as seen through the eyes of the Seed of the Tree. 

Blessing: May you be an image of success who is sustained with blessings and finishes any illness of “flu” with pure feelings. 

All you children have received BapDada’s elevated direction: Children, constantly maintain pure feelings. I am a most elevated soul, that is, a soul who is one out of multimillions, I am a deity soul, a great soul, a special actor. Maintain this feeling and you cannot have any “flu” of waste feelings. When you have this pure feeling, there cannot be any impure feelings. With this, you will be saved from the illness of any “flu”, that is, you will be saved from labouring, but you will constantly experience yourself to be sustained by blessings and attaining success in service. 

Slogan: To be the most elevated being following the highest code of conduct at the confluence age is the most elevated aim of this Brahmin life. 


06-01-13 प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' रिवाइज:19-10-75 मधुबन 

वृक्षपति द्वारा कल्प-वृक्ष की दुर्दशा का ऑंखों देखा हाल 

वरदान:- शुद्ध फीलिंग द्वारा फ्लू की बीमारी को खत्म कर वरदानों से पलने वाले सफलतामूर्त भव 

सभी बच्चों को बापदादा की श्रेष्ठ मत है - बच्चे सदा शुद्ध फीलिंग में रहो। मैं सर्व श्रेष्ठ अर्थात् कोटों में कोई आत्मा हूँ, मैं देव आत्मा, महान आत्मा, विशेष पार्टधारी आत्मा हूँ - इस फीलिंग में रहो तो व्यर्थ फीलिंग का फ्लू नहीं आ सकता। जहाँ यह शुद्ध फीलिंग है वहाँ अशुद्ध फीलिंग नहीं हो सकती। इससे फ्लू की बीमारी से अर्थात् मेहनत से बच जायेंगे और सदा स्वयं को ऐसा अनुभव करेंगे कि हम वरदानों से पल रहे हैं, सेवा में सफलता पा रहे हैं। 

स्लोगन:- संगमयुगी मर्यादा पुरुषोत्तम बनना - यही ब्राह्मण जीवन का श्रेष्ठ लक्ष्य है। 



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