Tuesday, October 30, 2012

Essence of Murli 30-10-2012

Essence: Sweet children, run the race of remembering the Father. If you forget Him, you will be hit by the bomb of Maya. 

Question: Which deep and significant aspects of this drama do only you children understand? 

Answer: 1. You understand that there are many varieties of actor in this drama and that each one has a separate part. The part and features of one cannot be the same as another’s. There is praise of those who play all-round hero parts, whereas those who play short parts of one or two births are very weak actors. 
2. God is not present in every actor and doesn’t dance alone. He is the Director of this unlimited drama. He is not beyond name and form. If He were beyond name and form, the praise they sing of God’s directions being unique would be wrong. 

Essence for dharna: 
1. Create your own methods to make yourself pure. Promise that you will remain pure and thereby claim a kingdom for 21 births. 
2. In order to become the most elevated, have an exchange with only those who are elevated. Stay in Baba’s company and remain fearless. 

Blessing: May you constantly be a detached observer and simply use the facilities for the sake of it instead of making them your support. 

While moving along, some children leave aside the Seed and become attracted by the branches and stems. Some make other souls their support whereas others make some facilities their supports because the colour and form of the Seed is not attractive but the forms and colours of the branches and stems are very beautiful. Maya transforms the intellect to such an extent that even false supports are experienced as real and this is why you have to increase the experience of the Father’s company in the corporeal form and also the stage of a detached observer. Do not make the facilities your support. Simply use them in name. 

Slogan: Maintain your spiritual honour and you won’t have any feeling of ego. 


''मुरली सार:- मीठे बच्चे - तुम्हें बाप को याद करने की रेस करनी है, बाप को भूलेंगे तो माया का गोला लग जायेगा'' 

प्रश्न: इस ड्रामा के किस गुह्य रहस्य को तुम बच्चे ही जानते हो? 

उत्तर: तुम जानते हो इस ड्रामा में भिन्न-भिन्न वैरायटी एक्टर हैं, हर एक का अलग-अलग पार्ट है। एक का पार्ट, एक के फीचर्स दूसरे से नहीं मिलते हैं। जो आलराउन्डर हीरो पार्टधारी हैं उनका ही गायन है। बाकी जो थोड़ा समय एक दो जन्म पार्ट बजाते वह कमजोर पार्टधारी हुए। 2. सभी पार्टधारियों में परमात्मा व्यापक हो अकेला ही डांस नहीं करता। वह तो इस बेहद ड्रामा का डायरेक्टर है। वह नाम रूप से न्यारा नहीं। अगर न्यारा हो तो यह जो गायन है - तुम्हारी गत मत तुम ही जानो...... वह रांग हो जाए। 

धारणा के लिए मुख्य सार: 
1) पवित्र बनने की युक्ति आपेही रचनी है। 21 जन्मों की राजाई के लिए पवित्रता की प्रतिज्ञा करनी है। 
2) श्रेष्ठ ते श्रेष्ठ बनने के लिए श्रेष्ठाचारियों से लेन-देन करनी है। बाप के संग में रहकर निर्भय बनना है। 

वरदान: साधनों को सहारा बनाने के बजाए निमित्त मात्र कार्य में लगाने वाले सदा साक्षीदृष्टा भव 

कई बच्चे चलते-चलते बीज को छोड़ टाल-टालियों में आकर्षित हो जाते हैं, कोई आत्मा को आधार बना लेते और कोई साधनों को, क्योंकि बीज का रूप-रंग शोभनिक नहीं होता और टाल-टालियों का रूप-रंग बड़ा शोभनिक होता है। माया बुद्धि को ऐसा परिवर्तन कर देती है जो झूठा सहारा ही सच्चा अनुभव होता है इसलिए अब साकार स्वरूप में बाप के साथ का और साक्षी-दृष्टा स्थिति का अनुभव बढ़ाओ, साधनों को सहारा नहीं बनाओ, उन्हें निमित्त-मात्र कार्य में लगाओ। 

स्लोगन: रूहानी शान में रहो तो अभिमान की फीलिंग नहीं आयेगी। 


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